क्रोध : एक आग जैसा
क्रोध एक आग है जो हमारे अंदर छिपी रहती है। यह एक निरपेक्ष ज्वालामुखी जैसा होता है, जो कभी-कभी उद्घाटन कर सकता है और सब कुछ आग में बदल सकत�
क्रोध एक आग है जो हमारे अंदर छिपी रहती है। यह एक निरपेक्ष ज्वालामुखी जैसा होता है, जो कभी-कभी उद्घाटन कर सकता है और सब कुछ आग में बदल सकत�